तयशुदा कागज़ों पर बयानी हुई | Ghazal Lines in Hindi

तयशुदा कागज़ों पर बयानी हुई ( Tayashuda kagazon par bayani hui )   तयशुदा कागज़ों पर बयानी हुई हम ग़रीबों की क्या ज़िंदगानी हुई एक पागल ने खोले थे दिल के वरक़ सारी दुनिया मगर पानी-पानी हुई तेरी आँखों में अब भी है रंग-ए-हिना इतनी संजीदा कैसे कहानी हुई उनसे मिलते ही इतने दिये जल … Continue reading तयशुदा कागज़ों पर बयानी हुई | Ghazal Lines in Hindi