यहाँ चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है | Ghazal nafraton ki fiza

यहाँ चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है! ( Yahaan chal rahi nafraton ki fiza hai )     यहाँ  चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है! खिलेंगे नहीं प्यार के गुल यहाँ है   बिदा हो गयी है बहन आज घर से  यहाँ आंखों से ख़ूब आंसू  रवाँ है   सनम छोड़ दे तल्ख़ यूं बात … Continue reading यहाँ चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है | Ghazal nafraton ki fiza