सादगी | Ghazal Saadgi

सादगी ( Saadgi )   अब नुमाइश की हुकूमत और हारी सादगी हम को तो हर तौर ले डूबी हमारी सादगी। रंग से खुशबू धनक से फूल जुगनू चांद से दो जहां से ख़ूबसूरत है तुम्हारी सादगी। शख़्स था सादा बहुत वो क्या मगर उसको हुआ जाने उसने छोड़ दी क्यों अपनी सारी सादगी। बज़्म … Continue reading सादगी | Ghazal Saadgi