समुन्दर खुमार का | Ghazal samundar khumar ka

समुन्दर खुमार का ( Samundar khumar ka )   पलकों पे छुपा है जैसे कुछ,समुन्दर खुमार का। कितना अजब नशा है दिलवर के, इन्तजार का।   ख्वाबों में माँगते है हर पल, मन्नत दीदार का। उनपे भी कुछ असर हो जाए, मेरे प्यार का।   बढती ही जा रही है उसके, चाहत का ये सरूर। … Continue reading समुन्दर खुमार का | Ghazal samundar khumar ka