तू न नफ़रत किया कर | Ghazal too na nafrat kiya kar
तू न नफ़रत किया कर ( Too na nafrat kiya kar ) किसी से मगर तू न नफ़रत किया कर सभी से मगर तू मुहब्बत किया कर बहुत डाट मिलती है मां बाप की ही नहीं घर किसी से शिक़ायत किया कर गुनाहों से तेरी नहीं जीस्त होगी ख़ुदा की मगर … Continue reading तू न नफ़रत किया कर | Ghazal too na nafrat kiya kar
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