तू छेड़ मत | Ghazal tu chhed mat
तू छेड़ मत ( Tu chhed mat ) तू छेड़ मत नहीं है अच्छा मिज़ाज मेरा करता नहीं है कोई ग़म का इलाज मेरा आटा पिसेगा कैसे अब भूख ये मिटेगी के भीग सब गया है देखो अनाज मेरा वो तल्ख़ लहज़े में मुझसे कर गया बातें है उसने करा नहीं … Continue reading तू छेड़ मत | Ghazal tu chhed mat
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