वो लाजवाब है | Ghazal Wo Lajawab Hai
वो लाजवाब है ( Wo Lajawab Hai ) जहाने – हुस्न में उस जैसा है शबाब नहीं वो लाजवाब है उसका कोई जवाब नहीं पसंद करते हैं घर के तमाम लोग उसे वो सिर्फ़ मेरा अकेले का इंतिखाब नहीं हाँ एक दूजे से मिलते हैं बेतकल्लुफ़ हम हमारे बीच रहा है कभी हिजाब नहीं जिये … Continue reading वो लाजवाब है | Ghazal Wo Lajawab Hai
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed