यहाँ हो रही ख़ूब अब मयकशी है | Ghazal yahan ho rahi khoob ab mayakashi hai

यहाँ हो रही ख़ूब अब मयकशी है ! ( Yahan ho rahi khoob ab mayakashi hai )   यहाँ हो रही ख़ूब अब मयकशी है ! न  कोई  बची  गांव  की वो गली है   हुई बात ऐसी यहाँ कल अपनों में यहाँ गोलियां ख़ूब देखो चली है   मिले दोस्ती का भला हाथ कैसे … Continue reading यहाँ हो रही ख़ूब अब मयकशी है | Ghazal yahan ho rahi khoob ab mayakashi hai