जिंदगी मेरी अकेले कट रही है | Ghazal zindagi meri akele kat rahi hai
जिंदगी मेरी अकेले कट रही है ( Zindagi meri akele kat rahi hai ) जिंदगी मेरी अकेले कट रही है ! भेज कोई तो ख़ुदाया अब परी है तोड़कर वादे वफ़ा सब प्यार के वो भर गया है वो निगाहों में नमी है इसलिए हल काम कोई भी न होता के … Continue reading जिंदगी मेरी अकेले कट रही है | Ghazal zindagi meri akele kat rahi hai
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