घुटन ( Ghutan ) भीतर की घुटन जला देती है जिंदा शरीर किताब के पन्नों में लगे दीमक की तरह खामोश जबान को शब्द ही नहीं मिलते शिकायत के लिए अपनों से मिले दर्द दिखाये भी नहीं जाते बताएं भी सुख जाते हैं आंसू पलकों में ही उन्हें बहाने की भी इजाजत नहीं होती … Continue reading घुटन | Ghutan
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