गिला- शिकवा नहीं करते कभी ज़ालिम ज़माने से

गिला- शिकवा नहीं करते कभी ज़ालिम ज़माने से     गिला- शिकवा नहीं करते कभी ज़ालिम ज़माने से। न बेशक बाज़ आता है अभी भी दिल दुखाने से।।   सदा मस्ती में रहते है भुला के ग़म जहां भर के। बहाते अब नहीं आंसू किसी के भी रुलाने से।।   नहीं अब दिल पे लेते … Continue reading गिला- शिकवा नहीं करते कभी ज़ालिम ज़माने से