गुरुर | Gurur

गुरुर ( Gurur )  ( 2 )    समझ ले कोई प्रेम को हर किसी के वश की बात नही मित्रता मे भी कृष्ण जैसी सुदामा से कोई मुलाकात नही… महज ,प्रेम को ही प्रेम कह देना ये तो सांसारिक दिखावा है यादों की तड़प मे दिल रहे मगरुर यही तो गर्व से कहने का … Continue reading गुरुर | Gurur