है गुल से हम को उलफ़त तो ख़ार भी है प्यारा
है गुल से हम को उलफ़त तो ख़ार भी है प्यारा है गुल से हम को उलफ़त तो ख़ार भी है प्यारा। गुलशन में खुश वही है जो समझ गया इशारा।। पत्थर पे मैंहदी पिसती अग्नि में तपता सोना। दुःखों को सहन करके जीवन सभी निखारा।। हम डूब जायें बेशक … Continue reading है गुल से हम को उलफ़त तो ख़ार भी है प्यारा
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed