हैं कल के ही जनाजे, कान्धे बदल गये हैं | Hain kal ke hi janaze | Ghazal
हैं कल के ही जनाजे, कान्धे बदल गये हैं! ( Hain kal ke hi janaze,kandhe badal gaye hain ) हैं कल के ही जनाजे, कान्धे बदल गये हैं! चेहरे बदल गये हैं , मातम बहल गये हैं! तूफान जैसा आया, लगता है आजकल तो खामोश कातिलों से , सीने दहल गये … Continue reading हैं कल के ही जनाजे, कान्धे बदल गये हैं | Hain kal ke hi janaze | Ghazal
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