कर कोई बावफ़ा नहीं होता कर कोई बावफ़ा नहीं होता प्यार से हर भरा नहीं होता मैं नहीं जीता जीवन फ़िर तन्हा वो अगर जो जुदा नहीं होता चाह उसकी न दिल फ़िर रखता जीस्त में वो मिला नहीं होता आरजू फ़िर न होती मिलनें की शहर उसके गया नहीं … Continue reading कर कोई बावफ़ा नहीं होता
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