हर रहनुमा यहां झूठा निकला

हर रहनुमा यहां झूठा निकला   हर रहनुमा यहां झूठा निकला! कोरा-कागज़ उसका वादा निकला!   सियासत की हर बिसात पे रक्खा, अवाम का ज़ख्म ताज़ा निकला!   रोए बहुत वो मैय्यत में आ -कर, उनकी गली से जनाज़ा निकला!   उलझा कर रंगी नारों में जनता को, मसीहा उड़न खटोले में बैठा निकला!   … Continue reading हर रहनुमा यहां झूठा निकला