हे गगन के चन्द्रमा ( He gagan ke chandrama ) तुम हो गगन के चन्द्रमा, मै हूँ जँमी की धूल। मुझको तुमसे प्रीत है, जो बन गयी है शूल। तेरे बिन ना कटती राते, दिल से मैं मजबूर, हे गगन के चन्द्रमा, तू आ जा बनके फूल। रात अरू दिन के मिलन सा,क्षणिक … Continue reading हे गगन के चन्द्रमा | Kavita
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