हे जग के करतार | Jag ke Kartar
हे जग के करतार ( He jag ke kartar ) हे जग के करतार, जग का पालनहारा, लौटा दो मुस्कान लबों की, सुनो सांवरा प्यारा । घट घटवासी अंतर्यामी, हाल पता है सारा, मंझधार में डूबी नैया, प्रभु लगा दो किनारा। कुदरत कई रंग बदलती, क्यों लीला करते हो, सबको जीवन देने … Continue reading हे जग के करतार | Jag ke Kartar
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