हीर-रांझा और नेटवर्क

एक दिन हीर रांझे से नाराज हो गई। हुआ यूं कि शाम के वक्त जब हीर और रांझा फोन पर बात कर रहे थे, तब हीर की माताजी और भाई हीर के इर्द-गिर घूम रहे थे। उनकी हीर पर नज़र थी। हीर रांझे को अपनी सहेली बताकर बतिया रही थी। रांझा हीर से खुलकर बात … Continue reading हीर-रांझा और नेटवर्क