हे सरकार ! कुछ तो करो | Political kavita
हे सरकार ! कुछ तो करो ( Hey sarkar kuch to karo ) हे सरकार! कुछ तो करो क्यूँ छोड़ दिया मरने को सड़कों और पटरियों पर दर-दर की ठोकरें खाने को खाने को तरसने को। हे सरकार! कुछ तो करो क्या बीत रही है उन गर्भवती और नव माताओं पर सड़कों पर … Continue reading हे सरकार ! कुछ तो करो | Political kavita
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