हे वागेश्वरी मैया ,ऐसा वर दे मृदुल मधुर ह्रदय तरंग, स्वर श्रृंगार अनुपम । विमल वाणी ओज गायन, ज्योतिर्मय अन्तरतम । गुंजित कर मधुमय गान , नव रस लहर मानस सर दे । हे वागेश्वरी मैया,ऐसा वर दे ।। दुर्बल छल बल मद माया, प्रसरित जग जन जन । दे निर्मल विमल मति, तमस … Continue reading हे वागेश्वरी मैया, ऐसा वर दे
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