खंडहर | Hindi kavita Khandhar

खंडहर ( Khandhar )     खड़ा खंडहर कह रहा महलों की वो रवानिया शौर्य पराक्रम ओज भरी कीर्तिमान कहानियां   कालचक्र के चक्रव्यूह में वर्तमान जब जाता है बस यादें रह जाती है अतीत बन रह जाता है   उसे ऊंचे महल अटारी खड़ी इमारते भारी भारी समय के थपेड़े खाकर ढह जाती बुनियादें … Continue reading खंडहर | Hindi kavita Khandhar