वसंत ऋतु पर कविता | Hindi Poem Basant
वसंत ऋतु पर कविता उड़ा जाये पीत पात पछुआ पवन में। आग लगी हुई है पलाश वन में। सेमल की डाली से बोल रहा मोर। पाकर के कोटर से झांके कठफोर। जाने क्या सोच रही गिलहरिया मन में। आग लगी हुई है पलाश वन में। कोयलिया देख गई आज भिनसारे, डालों में टांग दिये किसने … Continue reading वसंत ऋतु पर कविता | Hindi Poem Basant
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