हो रही फूलों से आशिक़ी ख़ूब है

हो रही फूलों से आशिक़ी ख़ूब है   हो रही फूलों से आशिक़ी ख़ूब है! बरसी मुझपे ही जब शबनमी ख़ूब है   हो सकता जो नहीं हम सफर मेरा ही उसकी ही आरजू पल रही ख़ूब है   प्यार की बातें आगे नहीं है बढ़ी उससे आंखों से आंखें मिली ख़ूब है   लेकिन … Continue reading हो रही फूलों से आशिक़ी ख़ूब है