हम हुए अस्त | Hum Huye Ast

हम हुए अस्त  ( Hum Huye Ast )   ” मैं ” की वृत्ति में ” हम” हुए हैं अस्त बड़ा ही शालीन है शब्द हम समझो इसे अपनी जेहन में उतार वरना तू है बेकार धरा हुआ है हम प्रबल दिखा है मै मैं और हम की प्रतिस्पर्धा में पृथ्वी परी है बेसुध प्रकृति … Continue reading हम हुए अस्त | Hum Huye Ast