इनकार पर | Inkaar Shayari in Hindi

इनकार पर ( Inakaar par )    जो मुकाबिल था सरे बाजार पर। रो पड़ा वो आपके इनकार पर। दम जमाने में नही जो मिटा दे, लिख गया जो इश्क की दीवार पर। फैसला समझे बिना जब कर लिया, ऐब अब क्या देखना सरकार पर। कत्ल जो इतने हुए उनका सबब तिल बड़ा कातिल खड़ा … Continue reading इनकार पर | Inkaar Shayari in Hindi