इंसाफ कहाँ से पाऊं | Insaaf Kahan se Paoon

इंसाफ कहाँ से पाऊं ( Insaaf kahan se paoon )   हे ईश्वर तू ही बता अब मैं कहाँ पे जाऊं, न्याय हो गया इतना महंगा इंसाफ कहाँ से पाऊं। एक जो रामचंद्र थे जो पिता के वचन निभाते थे, गए थे वनवास १४ वर्ष तक पुत्र धर्म निभाते थे। ऐसा वचन निभाने को मैं … Continue reading इंसाफ कहाँ से पाऊं | Insaaf Kahan se Paoon