इंसान हूॅं मैं इंसान हूॅं | Insaan Hoon Main

इंसान हूॅं मैं, इंसान हूॅं ( Insaan hoon main, insaan hoon )  इंसान हूॅं मैं, इंसान हूॅं । जितना खुश उतना ही परेशान हूॅं।। इंसान हूॅं मैं, इंसान हूॅं… इक उमर तक नहीं सौ साल तक लड़ता रहा हूॅं, मैं हर हाल तक कभी ढूढता हूॅं गुलिस्तां-अमन कभी फूंक देता हूॅं हॅंसता चमन अनजान हूॅं … Continue reading इंसान हूॅं मैं इंसान हूॅं | Insaan Hoon Main