इस इश्क़ का | Iss Ishq Ka

इस इश्क़ का ( Iss Ishq Ka ) इस इश्क़ का कोई भी फ़साना तो है नहींऔर गर हो कोई हमको सुनाना तो है नहीं पैग़ाम मिलता ही नहीं हमको ख़ुशी का यूँऔर ग़म मिले हैं कितने गिनाना तो है नहीं इस ज़िंदगी ने साथ हमारा नहीं दियाहम मुफ़लिसों का कोई ठिकाना तो है नहीं … Continue reading इस इश्क़ का | Iss Ishq Ka