जाड़े की धूप | Jaade ki dhoop par kavita

जाड़े की धूप ( Jaade ki dhoop )    बादलों की झुरमुट से झांकता सूरज मानों खेलता नन्हा ओज से भरा बालक झांक रहा हो, चमकता तेज सुनहरा बदन रक्त लालिमायुक्त धीरे धीरे मानव दुनिया में कदम रख एक टक ताक रहा हो, मानव में कुलबुलाहट शुरू हो गई आहट पाते ही सूरज का, किसी … Continue reading जाड़े की धूप | Jaade ki dhoop par kavita