जाने क्यों आज | Jaane Kyun Aaj
जाने क्यों आज ( Jaane Kyun Aaj ) जाने क्यों आज वो निढाल सा था।उसके रुख़ पर अजब मलाल सा था। हाय क्या दिन थे प्यार के दिन भी।दिल की दुनिया में इक धमाल सा था। कोशिशें यूं भी रायगां ठहरीं।उसका मिलना ही कुछ मुह़ाल सा था। फूल झड़ते थे उसके होठों से।उसका लहजा ही … Continue reading जाने क्यों आज | Jaane Kyun Aaj
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