जब मर्यादाएं बोझ लगे | Jab Maryadaye
जब मर्यादाएं बोझ लगे ( Jab maryadaye bojh lage ) जब मर्यादाएं बोझ लगे, जरा अंतर्मन में झांको तुम। क्या हमको संस्कार मिले थे, संस्कृति में ताको तुम। मर्यादा पालक रामजी, मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। मातपिता की आज्ञा लेकर, लक्ष्मण संग वन धाए। मर्यादा में रहकर सीताजी, सतीव्रता नारी कहलाई। सावित्री यमराज से, पति के … Continue reading जब मर्यादाएं बोझ लगे | Jab Maryadaye
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