जागो! मेरे देश के युवा

जागो! मेरे देश के युवा आओ! हम रचे नवगीत।रचे ऐसा नवगीत, शत्रु भी बन जाए मीत॥ साधु बन घूमते रावणकरने सीता का वरण।आए दिन अब हो रहा,द्रोपदी का चीर-हरण॥करे पापियों का अब नाश, हो अच्छाई की जीत।रचे ऐसा नवगीत, शत्रु भी बन जाए मीत॥ छलावी चालें चल रहेकपटी-काले मन।नित झूठे लूट रहेंसच्चाई का धन॥बन पार्थ … Continue reading जागो! मेरे देश के युवा