ऊँ जय माँ शारदे!

ऊँ जय माँ शारदे! 1माँ दुर्गा ममतामयी, अद्भुत है श्रृंगार।दुर्गा दुर्गविनाशिनी, भक्त करें जयकार।। 2माँ मेरी विनती सुनें, हरेन सकल संताप।वरद हस्त धर शीश पर, हृदय विराजें आप।। 3दुर्गा दुर्गति दूर कर, सुगम बनातीं राह।रोगनाशिनी तारिणी, करतीं पूरी चाह।। 4पापमोचनी कालिका, मंगलमय हैं काम।दुर्गम की संहारिणी, तब से दुर्गा नाम।। 5घट- घट वासी मातु से, … Continue reading ऊँ जय माँ शारदे!