जल है तो कल है | Jal hai to kal hai kavita

जल है तो कल है ( Jal hai to kal hai )    पानी न बहाओं यारों कोई भी फ़िज़ूल, याद रखना हमेंशा नही करना है भूल। इसी से है जीवन ये हमारा एवं तुम्हारा, पेड़-पौधे जीव-जन्तु जीवित है समूल‌।।   वसुंधरा पर यें बहुत दूर-दूर तक फ़ैला, फिर भी कमी गाॅंव एवं शहर में … Continue reading जल है तो कल है | Jal hai to kal hai kavita