जवाबदारी | Javabdari

जवाबदारी ( Javabdari )    बूंद, बूंद से बन जाती है नदी और सागर से महासागर तक भी हस्ती कोई भी हो ,छोटी नही होती बूंद मे समाया रहता है महासागर भी… एक ध्रुव तारा ही बदल देता है पंचांग को एक इंद्र धनुष ही करा देता है पहचान रंगों का एक ,कभी भी एक … Continue reading जवाबदारी | Javabdari