जिजीविषा सदा विजयंत | Jijeevisha

जिजीविषा सदा विजयंत   मानव जन्म सृष्टि पटल, अलौकिक अनुपम छवि । देवत्व प्रभा मुखमंडल, ओज पुंज सदृश रवि । स्नेह दया सहयोग मूल, सदा गमन नैतिकता पंत । जिजीविषा सदा विजयंत ।। दुःख कष्ट सम धूप छांव , प्रति पल परिवर्तन कारी । सुख आनंद नेह संविदा, धर्म आस्था अंतर धारी । जीव जंतु … Continue reading जिजीविषा सदा विजयंत | Jijeevisha