कभी तो देख | Kabhi to Dekh

कभी तो देख ( Kabhi to Dekh ) नकाब जब हटे ज़रा नज़र झुकी-झुकी मिलेकभी तो देख इक नज़र के लुत्फ़-ए-मयकशी मिले सितारे चाँद चाहिए न चाँदनी भी अब हमेंफ़क़त है इश्क़ की ही ख़्वाहिशें ये बंदगी मिले सितम हज़ार करते हैं दिलों जाँ पे सभी यहाँजिसे बता दूँ दास्ताँ कोई तो आदमी मिले नज़र … Continue reading कभी तो देख | Kabhi to Dekh