कभी यूँ ही अपने मिजाज बदला कीजिए

कभी यूँ ही अपने मिजाज बदला कीजिए कभी यूं ही अपने मिजाज बदला कीजिये  दिल मांगे आपका तो जाँ निसार कीजिये हंसते हसते जिन्दगी  की शाम हो जायेगी बीती रात की सुबह का इन्तजार कीजिए   आकाश सूना दिखे तारे हो खामोश जहाँ धीमे से मध्यम झरनों सी रागनी सुना फूल गुलिस्ता में खिलखिलाकर जब … Continue reading कभी यूँ ही अपने मिजाज बदला कीजिए