Ghazal | कैसा दौर जमाने आया

कैसा दौर जमाने आया ( Kaisa Daur Jamane Aya )   कैसा   दौर   जमाने   आया। लालच है हर दिल पे छाया।।   बात  कहां  वो अपनेपन की। सब कुछ लगता आज पराया।।   कोई  सच्ची  बात  न  सुनता। झूठ सभी के मन को भाया।।   कौन किसी से कमतर बोलो। रौब  जमाते  सब  को  पाया।। … Continue reading Ghazal | कैसा दौर जमाने आया