कल रात ( Kal Raat ) ज़िन्दगी धूप सी लगी कल रातइस तरह बेबसी दिखी कल रात जिसको देखा नहीं सँवरते मैंवो भी सज-धज के तो मिली कल रात मिलने बेचैन हो गया दिल तोरात भी जो कटी नही कल रात ज़िन्दगी से जिन्हें शिकायत थीखुशियां उनमें मुझे दिखी कल रात ज़िन्दगी भर का साथ … Continue reading कल रात | Kal Raat
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