कलम का पुजारी | Kalam ka pujari | Kavita
कलम का पुजारी ( Kalam ka pujari ) नजर उठाकर देखो जरा, पहचान लीजिए। कलम का पुजारी हूं, जरा ध्यान दीजिए। शब्दों की माला लेकर, भाव मोती पिरोता हूं। कागज कलम लेकर, मैं सपनों में खोता हूं। गीत गजल छंद मुक्तक, दोहा चौपाई गाउं। मनमंदिर मांँ शारदे, पूजा कर दीप जलाऊं। … Continue reading कलम का पुजारी | Kalam ka pujari | Kavita
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed