कन्या और दान | shadi poem in hindi

*कन्या और दान* ( Kanya Or Daan )    जबसे बिटिया हुई सयान चिंता में है बाप की जान  नित्य  धरावे  नारी  ध्यान  जल्दी कर दो कन्यादान  घर -वर ढूढ़े फिर बाप परेशान कहां   मिले   अच्छा  मेहमान घर मिले अच्छा तो वर नहीं अच्छा बर  मिले  अच्छा तो घर नहीं अच्छा घर- वर अच्छा तब … Continue reading कन्या और दान | shadi poem in hindi