कशमकश | Kashmakash shayari

कशमकश ( Kashmakash )   फैसला हक मे है मेरे या मेरी हार हुयी है। बस इसी कशमकश में रात फिर बेकार हुयी है।।   सोचते सोचते आंखों में आगये आंसू, फिर वही बात कि बारिश बहुत दमदार हुयी है।।   तमाशा देखने वालों कभी ये सोचा भी, यहां तक पहुंचने में हश्ती ख़ाकसार हुयी … Continue reading कशमकश | Kashmakash shayari