कटे हुए अंगूठे की बात | Kate Hue Anguthe ki Baat

“प्रणाम गुरूवर।” घीसा ने अपने गुरू महेश्वराचार्य को विनम्र भाव से सिर झुकाते हुए कहा। ” आरे घीसा तुम, बहुत दिनों बाद आए, कहो कैसे आना हुआ, तुम्हारा?” गुरू महेश्वराचार्य ने आश्चर्य चकित होते हुए निश्छल भाव से पूछा। “गुरूवर, आज गुरू पूर्णिमा है, सोचा दूर रहकर स्मरण करने से अच्छा है कि चल कर … Continue reading कटे हुए अंगूठे की बात | Kate Hue Anguthe ki Baat