अक्षय तृतीया : आखा तीज अक्षय तृतीया पर्व पर इस जीवन को पावन बनाये । पापों व तापों के हैं घेरे उनको ढहाते हुए चले । संसार सागर को पार कर मोक्ष की और बढ़ते चले । उमड़ती घटाएं है यहाँ कामना की , उफनती हैं नादियाँ यहाँ वासना की , हां , भूले … Continue reading अक्षय तृतीया : आखा तीज
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