अपने और पराये | Kavita Apne aur Paraye
अपने और पराये ( Apne aur Paraye ) जो कल तक दोस्त थे अब वो दुश्मन बन गये हैं। जो खाते थे कसमें यारों सदा साथ निभानें की। जरा सा वक्त क्या बदला की बदल गये ये सब। और छोड़कर साथ मेरा चले गये कही और।। जो अपने स्वर्थ को तुम रखोगे जब साथ अपने। … Continue reading अपने और पराये | Kavita Apne aur Paraye
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed