बाद तुम्हारे | Kavita Baad Tumhare

बाद तुम्हारे ( Baad Tumhare ) जो आशा के बीज थे बोए, उन पर वक्त के ऑसू रोए, छोंड़ गए तुम साथ हमारा, कैसे हो बिन तेरे गुजारा, आज नहीं तुम साथ हो मेरे, तब चिंता घेरे बहुतेरे, कैसे सबसे पार मै पाऊं, विकट परिस्थित घबरा जाऊं, आती है अब याद तुम्हारी, पापा हर एक … Continue reading बाद तुम्हारे | Kavita Baad Tumhare