बारिश में सीता | Kavita Baarish me Sita

बारिश में सीता ( Baarish me Sita ) हो गई शुरू झड़ी बरसात की। दुखिया कौन है आज,सीता सी? पति चरण छाया से कोसों दूर। हो रही है व्थथा से चूर-चूर। हितैषी नहीं है,सब बेगाना। कैसे, दूर संदेश पहुँचाना ? ऋतु ने भी दुश्मनी मोल ले ली। हो गई शुरू झड़ी बरसात की। महलों की … Continue reading बारिश में सीता | Kavita Baarish me Sita