बचपन लौटा दो | Kavita Bachpan lauta do

बचपन लौटा दो ( Bachpan lauta do ) मुझे मेरा बचपन लौटा दो, बालपन का पौधा महका दो, आंगन की किलकारियां गुनगुना दो, दादी की पराती सुना दो, मां का आंचल ओढ़ा दो, पापा के खिलौने ला दो, बैग का बोझ घटा दो, कागज का नाव तैरा दो, कान्वेंट से गुरुकुल पहुंचा दो । एकलव्य … Continue reading बचपन लौटा दो | Kavita Bachpan lauta do